Quantcast
top of page

पार्किंसंस की मूल बातें

पार्किंसंस के निदान के जीवन परिवर्तनकारी घटना से निपटने (सहन करने का) कोई आसान तरीका नहीं है। पर अच्छी खबर ये है, कि प्रारंभिक समायोजन (एडजस्टमेंट ) अवधि के बाद, अधिकांश लोग इस को स्वीकार कर जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा लेते है। Parkinson's Disease (पार्किंसंस रोग) क्या है?

पार्किंसंस रोग तब होता है जब मस्तिष्क की कोशिकायें जो डोपामाइन नामक रसायन बनाती हैं, बनाना कम या बंद कर देती है। ये रसायन शारीरिक हलचल को नियंत्रीरत करता है।


PD कंपकंपी, सुस्ती, जकड़न, चलने और संतुलन की समस्या पैदा कर सकती है , इसे Movement Disorder (मूवमेंट डिसऑर्डर) कहते है। लेकिन कब्ज़, अवसाद, यादशत की समस्याएं और अन्य गैर गतिशील लक्षण भी पार्किंसंस का हिस्सा हो सकते हैं। PD एक आजीवन और प्रगतिशील बीमारी है, यानी कि समय के साथ इसके लक्षण धीरे धीरे बढ़ते जाते है।


पार्किंसंस के साथ जीने का अनुभव हर पीड़ित के लिए अलग होता है। लक्षण एवं प्रगति हर पीड़ित के अलग होने की वजह से ना तो आप स्वयं और ना ही डॉक्टर आगे आने वाले लक्षण की तीव्रता या समय सीमा बता सकते है। भले ही PD से पीड़ित व्यक्तियों में बीमारी बढ़ने पर समानता के व्यापक रास्ते देखे जा सकते हैं, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं हैं कि आप वही अनुभव करेंगे जो आप अन्य पीड़ितों में देखते हैं।


हालांकि PD का फैलाव देश के बाकी हिस्सों में कम हैं - ७० प्रति १००,००० - लेकिन जनसंख्या १०० करोड़ से अधिक हैं; इसलिए भारत में PD रोगियों कि संख्या ७ लाख होने का अनुमान है।

Source www.michaeljfox.org, www.lancelet.com

Picture Credit - www.neurologysleepcentre.com


73 views

Recent Posts

See All

On the occasion of World Mental Health day, we speak to the team at PinkyMind about social media and mental health

bottom of page