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पार्किंसंस के लक्षण
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पार्किंसंस के लक्षण

Updated: Jan 26

(Read in English) पार्किंसंस रोग के लक्षण हर रोगी के लिए अलग होते है। कुछ लक्षण तो डॉक्टर्स के लिए भी पता लगा पाने मुश्किल होते है। बाकी कुछ लक्षण ऐसे होते जो हर कोई समझ जाता है। अगर आपको शक है कि आपको या आपके अपनों में किसी को पार्किंसंस है , तो आपको जल्द से जल्द एक न्यूरोसर्जन (Neurosurgeon or Movement Disorder Specialist) से परामर्श करना चाहिए।


प्रेरक तंत्र (Motor System) :

लोग ज्यादातर पार्किंसंस रोग के प्रेरक तंत्र (motor or movement symptoms) लक्षणों से वाकिफ है। ये लक्षण दिख जाते है और अक्सर डॉक्टर इन्हे देखकर रोग का निदान करते है। पार्किंसंस के तीन प्रमुख प्ररेक तंत्र लक्षण है :

१ अकड़न : मांसपेशिओं में अकड़न होना।

२ शिथिलता : सहज और स्वैच्छिक हरकतों में कमी। चाल धीमी होना , हाथों का चलते हुए कम झूलना , पलकों का कम झपकना, चेहरे के हाव भाव में कमी आना।

३ आराम से बैठने पे कम्पन : एक लयबद्ध (rhythmic ) अनैच्छिक कम्पन जो एक ऊँगली, हाथ या किसी अंग में तब होती है जब ये आराम से होते है और काम करते हुए गायब हो जाती है।


हर पार्किंसंस के रोगी में ये लक्षण होने ज़रूरी नहीं है , लेकिन धीमापन ज़रूर होता। हालाँकि, कम्पन सबसे सामान्य लक्षण है लेकिन ये हर पार्किंसंस के रोगी में हो ये ज़रूरी नहीं है। पढ़िए पार्किंसंस की मूल बातें


बाकी प्ररेक तंत्र है - चलने फिरने, संतुलन एवं सामंजस्य में दिक्कत आना। ये लक्षण अक्सर बीमारी बढ़ने पर नज़र आते है।

गैर प्ररेक तंत्र (Non -motor symptoms) :

गैर प्ररेक तंत्र लक्षणों को अक्सर अदृश्य लक्षण भी कहते है, क्यूंकि इन्हें आप बाहरी ओर से देख नहीं सकते। ये सामान्य लक्षण शरीर के किसी भी हिस्से में, बिमारी के किसी भी चरण में हो सकते हैं। प्ररेक तंत्र लक्षण ये निदान से भी पहले (before motor symptoms and diagnosis ) नज़र आते है। ये हर रोगी में अलग अलग तीव्रता में पाये जा सकते है। ये लक्षण रोगी और उनके परिवार को ज्यादा प्रभावित करता है। ये लक्षण है :

>>स्वायत्त तन्त्रिकीय (Autonomic Dysfunction )*: पार्किंसंस हमारे शरीर द्वारा किये जाने वाले स्वचालित/अनैच्छिक कार्यों को प्रभावित कर सकता है।


>>कब्ज़ (Constipation ): शौच करने में कमी या तकलीफ

>>कम रक्तचाप (Low Blood pressure ) : उठने और बैठने के समय चक्कर आना , बेहोशी ये सब कम रक्तचाप होने पर होता है।

>>यौन समस्याएँ : पुरुष में स्तंभन (erectile dysfunction ) ,महिलाओं में कामेच्छा में कमी** या यौन सम्बन्ध करते हुए दर्द।

>>पसीना आना (Sweating ) : गर्मी ना होने पर भी बहुत ज्यादा पसीना आना।

>>पेशाब की समस्या : बार बार पेशाब आना , पेशाब में असंयम या मूत्राशय को खाली करने में परेशानी।


मनोदशा एवं सोच में बदलाव (Mood and Thinking Changes) :

>>उदासीनता : किसी भी काम में रूचि एवं उत्साह ना होना

>>यादशात और सोच में असर : एक साथ कई काम करने में तकलीफ और एकाग्रता की कमी। इसका असर कई बार रोज़मर्रा की ज़िन्दगी पर नहीं होता और कभी कभी नौकरी तथा सामाजिक कार्यो पर असर होता है।

>>मूड में उतार चढ़ाव : अवसाद (उदासी, ऊर्जा की कमी , काम में दिलचस्पी की कमी ) और व्यग्रता।***

>>मनोविकृति ( psychosis ) : ऐसी चीज़े देखना जो हैं ही नहीं , भ्रम में रहना , जैसे जीवनसाथी का धोखेबाज़ होना या धन का चोरी होना।

बाकी शारीरक बदलाव :

लार टपकना , थकान , दर्द, त्वचा में बदलाव , अनिंद्रा , पैरो को हिलना , खुशबु लेने में कमी , बोलने में तकलीफ , निगलने में दिक्कत , दृष्टि में बदलाव, आखों में नमी की कमी , पढ़ने में दिक्कत , वजन में बदलाव आदि।


अगर आप ऐस कोई लक्षण महसूस कर रहे है और इस से आपके दैनिक कार्य, जैसे कसरत करते हुए या काम करते हुए अड़चन आ रही है तो डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करे। लेकिन ये भी ध्यान रखे अगर आपको ये लक्षण है तो भी ज़रूरी नहीं की आपको पार्किंसंस हो। ये लक्षण किसी और रोग के भी हो सकते है।

सन्दर्भ (References) :

*Autonomic Dysfunction : occurs when autonomic nervous system , Which controls functions responsible for well being and maintaining balance does not regulate properly।

*स्वायत्त तन्त्रिकीय : प्रणाली का वो भाग जो हृदय की धड़कन, सांस लेना , पाचन इत्यादि को नियंत्रित करता है में गड़बड़ी हो जाए।

** कामेच्छा में कमी: सेक्स करने की इच्छा में कमी

*** व्यग्रता: Anxiety

Source www.michaeljfox.org Picture Credit - www.bhaskar.com


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